वो सिसकियाँ वो कराहना दिल का , बहुत कुछ होने पर भी कुछ न कह पाना दिल का। टूटे प्यार और विश्वास की किरचें चुभ रही हैं इस कदर , बेहतर है पत्थर हो जाना दिल का।।
वो सिसकियाँ वो कराहना दिल का , बहुत कुछ होने पर भी कुछ न कह पाना दिल का। टूटे प्यार और विश्वास की किरचें चुभ रही हैं इस कदर , बेहतर है पत्थर हो जाना दिल का।।