दिल मेरे दिल मेरे काहे शोर करे भोर से रात तक ,रात से भोर तक सिर्फ शोर सिर्फ शोर सिर्फ शोर करे दिलो -दिमाग अब मेरे काबू में नहीं जंग ये काहे को रोज रोज करे दिल------ कब तलक साथ दे सांस और धड़कने दिल कहे काहे तू अब न मौज करे दिल--- जानती हूँ की मैं हार सकती नहीं झुक सकती नहीं टूट सकती नहीं फिर क्यों कोशिशें रोज रोज करे दिल----