चले आओ मेरे कान्हा जीवन में रंग भर दो इस तुच्छ से जीवन को प्रभु पल में सफल कर दो चले आओ मेरे कान्हा....... तुम बंसी ऐसी बजाओ मैं सब सुख दुःख बिसराऊँ अंतिम श्वास में अपने बस तुझमे ही खो जाऊं चले आओ मेरे कान्हा..... ये दुःख की रात है लम्बी और सुख की सुबह है दूर ये मत कहना मेरे कान्हा कि तुम भी हो मजबूर चले आओ मेरे कान्हा.... मेरी पूजा अर्चन प्रार्थना सब आज सफल कर दो भ्रमजाल ये माया का कटे प्रेम रंग भर दो चले आओ मेरे कान्हा.... ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त'✍️