मेरे होठों की काम्पन में हैं राज़ कईं मेरी नजरों के झपकने में हैं ज़ज्बात कईं तुम समझो या न समझो इसका मतलब मैं तो यूँ ही बुनती रहती हूँ ख्वाब कईं
मेरे होठों की काम्पन में हैं राज़ कईं मेरी नजरों के झपकने में हैं ज़ज्बात कईं तुम समझो या न समझो इसका मतलब मैं तो यूँ ही बुनती रहती हूँ ख्वाब कईं