मन मयूर नाचने लगा है जाने आज क्यों मचल रहे हैं आज मेरे दिल के ज़ज्बात क्यों न जाने आज क्यों ऐसा है लग रहा होने लगे पूरे हैं आज सारे ख्वाब ज्यूँ चारों तरफ लग रहा बहार ही बहार है अपनों का प्यार और खुशियों की बौछार है मैंने जो भी चाहा था परवरदिगार से हो गयी कबूल सारी दुआएं हैं आज ज्यूँ झूमती गाती हवा कानों में कह रही डरती क्यों है नाच आज हो के मदमस्त तू मानती हूँ थोड़ा सा डर है आज लग रहा पर जैसे मुक्ति के कुछ तो आसपास हूँ मनमयूर
😍Ye pyar ki nai shuvat hai
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