हे प्रभु ,हम तुझे भूल जाते हैं पर तू हमे नहीं भूलता। तेरे प्यार के आगे मेरा प्यार कहीं नहीं ठहरता। तू प्यार करता रहता है ,बिना शर्त देता रहता है। हम इतराते रहते हैं ,प्यार करने के लिए भी शर्त लगाते हैं। प्यार की कमी हमारी तरफ से है क्योंकि तू इशारों में समझाता है और हम समझ नहीं पाते हैं। तू माफ़ करता रहता है ,हम गलतियां दोहराते हैं। जाने अनजाने मन वाणी कर्म से जो भी भूलें ,अपराध या पाप हमसे हुआ ,उसकी क्षमा याचना करते हैं। हे नाथ,हम आपकी शरण में हैं। हे भगवान ,मार्गदर्शन करते रहने के लिए ,सही दिशा दिखाने के लिए और शानदार जीवन देने के लिए आपको कोटि कोटि नमन,कोटि कोटि अभिनन्दन, कोटि कोटि आभार, कोटि कोटि धन्यवाद !!! शांति शांति शांति।
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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