तू है मगरूर सही मैं नहीं हूर सही तेरे मेरे बीच में पर कुछ तो है ज़रूर सही ज़ुदा है ज़मीन अपनी सब को नामंज़ूर यही चढ़ रहा फिर भी मगर प्यार का सरूर सही मिल रही राहें अगर मिली हैं निगाहें अगर लब मुस्काएं अगर हो जाए साथ सही
तू है मगरूर सही मैं नहीं हूर सही तेरे मेरे बीच में पर कुछ तो है ज़रूर सही ज़ुदा है ज़मीन अपनी सब को नामंज़ूर यही चढ़ रहा फिर भी मगर प्यार का सरूर सही मिल रही राहें अगर मिली हैं निगाहें अगर लब मुस्काएं अगर हो जाए साथ सही