हे प्रभु ,हम तुझे भूल जाते हैं पर तू हमे नहीं भूलता। तेरे प्यार के आगे मेरा प्यार कहीं नहीं ठहरता। तू प्यार करता रहता है ,बिना शर्त देता रहता है। हम इतराते रहते हैं ,प्यार करने के लिए भी शर्त लगाते हैं। प्यार की कमी हमारी तरफ से है क्योंकि तू इशारों में समझाता है और हम समझ नहीं पाते हैं। तू माफ़ करता रहता है ,हम गलतियां दोहराते हैं। जाने अनजाने मन वाणी कर्म से जो भी भूलें ,अपराध या पाप हमसे हुआ ,उसकी क्षमा याचना करते हैं। हे नाथ,हम आपकी शरण में हैं। हे भगवान ,मार्गदर्शन करते रहने के लिए ,सही दिशा दिखाने के लिए और शानदार जीवन देने के लिए आपको कोटि कोटि नमन,कोटि कोटि अभिनन्दन, कोटि कोटि आभार, कोटि कोटि धन्यवाद !!! शांति शांति शांति।
Month: March 2021
दुविधा
अपनी दुविधाएं खुद ही मिटानी होंगी किसी से बोले तो नयी कहानी होंगी क्या पता किन किन बातों पे निर्भर हैं, हम सब पर सबसे पहले तो निर्भरता मिटानी होंगी
धन्यवाद श्रृंखला ::१
ये शांत मनभावन सुबह, मंद मंद हवाएं ,खुला नीला आसमान ,पक्षियों की चहचहाट, विचारशून्य मस्तिष्क ,पक्षियों का फिर से गगन चूमने को उड़ जाना ,और अपने जीवन में सब कुछ होने का अहसास पाना। रोमरोम से आपका शुक्रिया आभार धन्यवाद। हे भगवान ,मार्गदर्शन करते रहने के लिए ,सही दिशा दिखाने के लिए और शानदार जीवन देने के लिए आपको कोटि कोटि नमन,कोटि कोटि अभिनन्दन, कोटि कोटि आभार, कोटि कोटि धन्यवाद !!!
निरपेक्ष
पत्थर भी फूल हो जाएँ चोट चोट न रहे ज़हर बन जाए अमृत बस आनंद ही आनंद बना रहे ये स्थिति पा सकेगा सिर्फ एक तरह से दोस्त अपेक्षाओं को छोड़ कर निरपेक्ष तू बना रहे
थाती जीवन की
तेरा प्यार प्रभु थाती जीवन की
मैं हूँ दीप तो तू बाती जीवन की
तेरे मेरे प्यार पर यूँ टिका संसार
जैसे मेरी हर साँस मीत तेरी लगन की
गीत ये लबों पर तूने ही सजाये
बैठी हूँ जाने कैसे सुधबुध बिसराये
हर तरफ तेरा सरूर तेरा ही जादू
तू ही है ज्योति मेरे नैनन की
पलकन से तेरा पथ मैं बुहारूँ
अश्रुओं से तेरे चरण मैं पखारूँ
झूम झूम वाणी से गीत तेरे गाऊं
सार्थक हो जाए हर स्वास जीवन की
दिल
दिल दर्द के नग्मे नहीं लिखना चाहता आंसुओं भरी कहानी नहीं लिखना चाहता वो तो लिखना चाहता है कुछ प्यार भरे नग्मे वो गम संजोता है बांटना नहीं चाहता एक सूनापन सबके अंदर है और वो रहेगा ही जब तक वो खुदा के पास नहीं जाता हम सब की खुशियां एक दूसरे की मुट्ठी में हैं बदकिस्मती ये कि कोई खोलना नहीं चाहता सम्पूर्णता सबके भीतर देखना चाहता है हर कोई पर क्या करें कोई आइना देखना नहीं चाहता आओ खोल ले मुट्ठी और देखें आइना भी हम यूँ ही मुस्कुराने में किसी का कुछ नहीं जाता
मनमयूर
मन मयूर नाचने लगा है जाने आज क्यों मचल रहे हैं आज मेरे दिल के ज़ज्बात क्यों न जाने आज क्यों ऐसा है लग रहा होने लगे पूरे हैं आज सारे ख्वाब ज्यूँ चारों तरफ लग रहा बहार ही बहार है अपनों का प्यार और खुशियों की बौछार है मैंने जो भी चाहा था परवरदिगार से हो गयी कबूल सारी दुआएं हैं आज ज्यूँ झूमती गाती हवा कानों में कह रही डरती क्यों है नाच आज हो के मदमस्त तू मानती हूँ थोड़ा सा डर है आज लग रहा पर जैसे मुक्ति के कुछ तो आसपास हूँ मनमयूर
आसान
रूह में उतरना आसान नहीं कह के कर भी गुजरना आसान नहीं प्यार प्यार करते तो हैं सब प्यार करना इतना भी आसान नहीं
खुशकिस्मत
खुशकिस्मत हैं वो जिनका हमसफ़र ही दोस्त है वर्ना जीवन में कोफ़्त ही कोफ़्त है हमसफ़र ज़नाब एक ऐसी हस्ती है दोस्त बन जाए तो मस्ती ही मस्ती है
ब्रह्माण्ड
ब्रह्माण्ड से दिलदार नहीं कोई सब कुछ सौ गुना हज़ार गुना करता है अच्छी सोच अच्छे विचार रखो सबके लिए फिर देखो दुनिया को कैसे खुशहाल करता है सबको अपना समझ के भेजो प्यार और शुभकामनाएं रोज़ फिर देखो तुम्हारा दामन खुशियों से कैसे भरता है अपने लिए दिल दुखाने वालों को माफ़ कर दो ना तुम माफ़ ना करके क्यों रोज़ रोज़ मरता है तुझे जो अपने लिए चाहिए वो ही सोच ब्रह्माण्ड तो बस कई गुना करता है ब्रह्माण्ड तो बस कई गुना करता है