जब जब तू आता है ये घर गुनगुनाता है मेरी मनवीणा के तार छेड़ जाता है जुड़ गया कैसे ये तार मेरा तुझसे तू हँसे हंसू मैं , क्यों रो कर रुलाता है नाराज़गी मेरी रब से तू ही मिटाता है तुझ संग खेलूं तो दिन बन जाता है ज़रूर है कोई तू मेरा बहुत अपना लगता है पिछले जन्मों का नाता है जब तू बड़ा होगा मुझको समझाना कोई किसी को इतना क्यों चाहता है खिलौने अनेकों तेरे, मेरा सिर्फ तू है तुझ बिन ये दिल अब कहीं ना बहल पाता है जब जब तू आता है
Dil Choo liya🙏
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