तेरी हर बात अलग,' प्रभु जी'हर शय निराली मेरा है सूरज तू, तेरी हर सूं हैं लाली कम्बख़्त ज़माने से मुझको बचाना तू , संभालना मुझे भी जैसे हर शय संभाली
तेरी हर बात अलग,' प्रभु जी'हर शय निराली मेरा है सूरज तू, तेरी हर सूं हैं लाली कम्बख़्त ज़माने से मुझको बचाना तू , संभालना मुझे भी जैसे हर शय संभाली