ढूंढ रहे है कईं लोग उम्मीद ओ आस हम में जिंदगी से लड़ने के ज़ज़्बात हम में मर गए थे हम तो बहुत पहले ही ग़लतफ़हमी है उन्हें जिंदगी ले रही है सांस हम मेँ चाहो भी तो ज़िंदा करने की तुम्हारी औकात नहीं कोई क्या जाने है कितना मज़ा दर्द ओ गम में उम्र का बड़ा हिस्सा जो तय किया तनहा हमने तन्हाईयाँ रच बस गयी बहुत गहरे हम में तुमसे गुज़ारिश है मेरी मुझपे अहसान करो अपना लो उसको जो दिखता है तुम्हारा हम में