गज़ब हाल है यारों !हर तरफ खतरा ! इंसान को इंसान से इंसान के ईमान से परिवार को मुखिया से बाग़ को माली से नागरिक को प्रशासन से मरीज़ को डॉक्टर से लोगों को सरकार से हर मंदिर हर दरबार से हर मस्जिद और मज़ार से भावनाओं के ज्वार से घर के बाहर रहने से घर में भी रहने से दिल की हर ख़ामोशी से दिल के हर शोर से इसे छेड़ मत यार रोयेगा ज़ोर से कहा ना! हर तरफ खतरा है !