मेरे देशवासियों के दर्द, आंसुओं, आहों और चीखों की गूँज, गुनहगारों की सज़ा बन जाए ! उनकी जिंदगी उनके लिए सज़ा बन जाए ! जिन्हे फर्क नहीं पड़ता दूसरों के जीने मरने से , ए खुदा! उनसे उनकी ताकत छिन जाए !!
मेरे देशवासियों के दर्द, आंसुओं, आहों और चीखों की गूँज, गुनहगारों की सज़ा बन जाए ! उनकी जिंदगी उनके लिए सज़ा बन जाए ! जिन्हे फर्क नहीं पड़ता दूसरों के जीने मरने से , ए खुदा! उनसे उनकी ताकत छिन जाए !!