ए रब ! तूने कभी मेरा हाथ नहीं छोड़ा मैं तेरी रहमत की शुक्रगुजार हूँ सौंप दी दुनिया तेरी निग़हबानी में तेरे रहम ओ कर्म की तलबगार हूँ
ए रब ! तूने कभी मेरा हाथ नहीं छोड़ा मैं तेरी रहमत की शुक्रगुजार हूँ सौंप दी दुनिया तेरी निग़हबानी में तेरे रहम ओ कर्म की तलबगार हूँ