काश कुछ लोगों को ये समझ आये कि वो राम या कृष्ण नहीं हैं केवल आदमी हैं मामूली से कुछ तो इंसान भी नहीं हैं राम हो तो मर्यादित व्यव्हार कहाँ है कृष्ण हो तो प्रेम चातुर्य चमत्कार कहाँ है आदमी हो के अकड़ते हो ऐसे इंसानियत से कोई सरोकार कहाँ है
काश कुछ लोगों को ये समझ आये कि वो राम या कृष्ण नहीं हैं केवल आदमी हैं मामूली से कुछ तो इंसान भी नहीं हैं राम हो तो मर्यादित व्यव्हार कहाँ है कृष्ण हो तो प्रेम चातुर्य चमत्कार कहाँ है आदमी हो के अकड़ते हो ऐसे इंसानियत से कोई सरोकार कहाँ है