छिला हुआ दिल ,कुचला हुआ स्वाभिमान हर तरफ खून दिल का ,रंग गया ये जहाँ क़तर दिए ख्वाहिशों के पर, तड़प रहा ये पंछी क्यों जिए कोई जब ,लुट गया हो आशियाँ
छिला हुआ दिल ,कुचला हुआ स्वाभिमान हर तरफ खून दिल का ,रंग गया ये जहाँ क़तर दिए ख्वाहिशों के पर, तड़प रहा ये पंछी क्यों जिए कोई जब ,लुट गया हो आशियाँ