खुद को खुश रखने की है तेरी ज़िम्मेदारी ये ज़िम्मेदारी किसी और को ना दे कभी होगा मेला कभी तू अकेला अपनी निग़हबानी रब के सिवा किसी और को ना दे
खुद को खुश रखने की है तेरी ज़िम्मेदारी ये ज़िम्मेदारी किसी और को ना दे कभी होगा मेला कभी तू अकेला अपनी निग़हबानी रब के सिवा किसी और को ना दे