दूर तक खामोशियाँ तन्हाईयाँ क्यों हैं लबों से मुस्कान दूर दूर क्यों है हमने तो खुद से वादा किया था खुश रहने का ए दिल, तू इतनी बगावत पे क्यों है
दूर तक खामोशियाँ तन्हाईयाँ क्यों हैं लबों से मुस्कान दूर दूर क्यों है हमने तो खुद से वादा किया था खुश रहने का ए दिल, तू इतनी बगावत पे क्यों है
Wah wah !! Kya baat hai 🙂
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thanks dear !
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