रात तू क्यों उदास है तेरा चाँद तेरे पास है सितारों से जगमग है तू आराम तेरे आगोश में मिलन के लिए बनी है तू तू है तो आँखों में नींद है तू है तो सुरमई ख्वाब हैं तुझमे है प्यार के रंग भी तू है तो खुशियों का संग भी तुझमे दफन कई राज हैं तेरा रंग काला है तो क्या सीरत मगर उजली सी है तुझे दिन का हमेशा साथ है सुबह से मिलने की आस है हर शायर ,कवि की महबूब तू है खूब यार बहुत खूब तू ! ए रात तू क्यों उदास है