किन्तु परन्तु में उलझ गए हम और हिस्से में आ गए ढ़ेर सारे गम ना तू मुझसे कम ना मैं तुझसे कम ना देखी होती कमियाँ ना बिछड़ते तुम हम काश का राग गर गाया न होता दिल से एक दूजे को अपनाया होता रिश्तों में यारों ना बर्फ जाती जम झूम झूम गाते तराने हरदम किन्तु परन्तु में उलझ गए हम