सच है ये गम तन्हाई अँधेरा डराता है शायद याद बहुत कुछ दिलाता है माना ये अहम् हिस्सा है ज़िन्दगी का पर ज़िन्दगी में कौन इसे चाहता है नज़रें हमेशा ख़ुशी पे टिकी होती हैं हमने ख्वाहिशों की चादर बुनी होती हैं कानों को मधुर संगीत ही भाता है पर मिलता सब कुछ तभी है जब रौशनी के साथ अँधेरा गम के साथ ख़ुशी मिलन के साथ तन्हाई को भी अपनाता है सुनो ये "कम्पलीट पैकेज " में आता है !!
Well penned 👌👌
LikeLike
thankyou!
LikeLike