यहाँ तक कि मिटा दो किसी के लिए खुद को जो तुम्हें चाहता नहीं वो तुम्हें चाहेगा नहीं उसे सदायें दो जो चाहे सराहे निभाए तुम्हें किसी किसी दिल का दरवाजा ही होता नहीं
यहाँ तक कि मिटा दो किसी के लिए खुद को जो तुम्हें चाहता नहीं वो तुम्हें चाहेगा नहीं उसे सदायें दो जो चाहे सराहे निभाए तुम्हें किसी किसी दिल का दरवाजा ही होता नहीं