सुनो,जहाँ पर सिर्फ़ हम तुम हों हवा हो मद्धम मद्धम सी हरियाली हो चारों सूं बहारें झूमे बगिया में चारों तरफ खुशबु फैली हो मधुर संगीत कोई कहीं दूर बजता हो चहचहाती हों चिड़ियाँ कोयल रह रह कूकती हो तेरे काँधे पे सर रख के मैंने आँखें मूँदी हों बिनकहे जैसे कोई कहानी कह दी हो मेरे दिल की बात यूँ ही तेरे दिल ने समझ ली हो आँखें मूँद कर सपने भी देखें एक जैसे हम हमें छू भी ना पाए इस दुनिया के रंजोगम हमसफ़र ही ना रहें हम सिर्फ पूरी हमख्याली हो जहाँ पर हों सिर्फ हम तुम