ना जानें किस किस की कहानी कह डाली ना जानें किस किस का दर्द बयां कर डाला हम तो व्यापारी निकले बहुत बड़े अपने दर्द और आंसुओं का सौदा कर डाला ये दिल में रह जाते तो करते घाव बड़े ख़ूबसूरती से शब्दों में हमने कह डाला माफ़ी चाहते हैं झूठ फितरत नहीं हमारी जो दिया दुनिया ने हमे, वापिस हमने वही कर डाला