तुम भी मेरी तरह मत होना यूँ भावनाओं में मत खोना व्यावहारिक हो रहो वैसे ही यूँ ही 'पागल हो क्या' कहो ना दोनों एक जैसे हों तो कैसे चलेगी जीवनगाड़ी दोनों एक दूसरे की कमियां कैसे दूर करेंगे प्यार को खुद पे ऐसे हावी मत होने दो ना मेरा क्या मैं प्यार वफ़ा और ज़ज़्बात से बनी जहाँ खड़ा किया बस प्रतीक्षारत वहीँ हूँ खड़ी मुड़ के देखोगे जब भी तो सहारा मैं हूँ ना खूबियों से वाकिफ हूँ मैं तेरी कमियां भी छिपी नहीं है पर तेरे बिना यारा कोई ज़िन्दगी नहीं ना सोचती हूँ कभी दूर हो गयी जो तुझसे तेरा भी बिन मेरे गुजारा नहीं ना