ये आँसू बोलते हैं राज़ कुछ खोलते हैं कभी आँखों में रहते मगर बहते नहीं हैं ये दिल दुखा बहुत है पर जताते नहीं है ये आँसू बोलते हैं कभी ये बहते ही जाते और लब मुस्कुराते दिल खुश बहुत है ये बताते नहीं हैं ये आँसू बोलते हैं कभी ये बहते ही जाएँ ना लब मुस्कुराएं हों आँखें लबालब पर वीरानी ना जाए दिल बहुत दर्द में है और छुपाते भी नहीं हैं ये आँसू बोलते हैं पर कभी ऐसा भी होता ये दिखते भी नही है आँखे सूखी हैं रहती लब खामोश रहते दिल जार जार रोता ये आँसू खून के हैं हम सब जानते हैं ये आँसू बोलते हैं राज कुछ खोलते हैं