कभी कभी लगता है यूँ सब कह दिया सब लिख दिया तभी दिलोदिमाग के कोने में जलता है दिया ये तो अभी कहा नहीं ये तो अभी लिखा नहीं दिमाग की कश्मकश दिल की जद्दोजहद समाज से नाराजगी अपने पराये से निभाव बहुत ख़ुशी थोड़ी गम की बात अभी तो कुछ भी कहा नहीं अभी तो कुछ भी लिखा नहीं अनुभव अभी लिखे कहाँ बन प्रेरणा मैं खड़ी हुई कहाँ जो जाना वो बांटा कहाँ कितना कहा पर कम रहा अभी ख़त्म नहीं बात ज़ज़्बात दिल में रह जाती है बात