श्री कृष्ण ने गीता में कहा : मुझ निराकार परमात्मा से सारा जगत जल से बर्फ के समान परिपूर्ण है सब मनुष्य मेरे अंतर्गत संकल्प शक्ति से हैं पर वास्तव में मैं उनमे स्थित नहीं किन्तु ये मेरी ईश्वरीय शक्ति है कि प्राणियों को उत्त्पन्न करने वाला भरणपोषण करने वाला होने पर भी मेरी आत्मा प्राणियों में स्थित नहीं है जैसे आकाश से उत्पन्न वायु आकाश में ही है वैसे ही मेरे संकल्प से उत्पन्न सभी प्राणी मुझ में ही है