धरा पर मिली मुझे बस दो गज़ की ज़मीन आसमान मेरा हुआ उड़ना सीखने के बाद...... दूरियाँ भी दूरियाँ ना रहीं, वो हरवक्त साथ ही रहने लगे दिल से उनको अपना मान लेने के बाद ...... साहब आजकल स्वार्थ का आलम है ये , आँखे सूखी ही रहती हैं !दूसरों का दर्द सुन लेने के बाद ....... कितनी कसमें खाता है वो प्यार जब करता शुरू फिर भी करता बेवफाई प्यार मिल जाने के बाद ...... उसके अकेलेपन को आज महफ़िल मिले तो बात है क्या फायदा कसीदे पढ़ो उसके चले जाने के बाद ...... चाहे कितना भी पुकारो लौट कर आता नहीं चला जाये जहाँ से जो दिल टूट जाने के बाद...... ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️