कलयुग के इस प्रेमरूप को है मेरा प्रणाम ! जल्दी जीवन से मोह हटे, आये प्रभु का ध्यान जब भी ईश्वर को छोड़ ,ह्रदय लगे तनधारी अश्रु पीड़ा घाव छल ,होये यही परिणाम ...
कलयुग के इस प्रेमरूप को है मेरा प्रणाम ! जल्दी जीवन से मोह हटे, आये प्रभु का ध्यान जब भी ईश्वर को छोड़ ,ह्रदय लगे तनधारी अश्रु पीड़ा घाव छल ,होये यही परिणाम ...