जिसने दिल की बात ना मानी उसे मानो चाहे ग्यानी ध्यानी ज़रूर वो एक दिन पछतायेगा दिल ईश्वर की ही प्रतिध्वनि जिसने दिल की बात ना मानी ... गुरु तुम्हारा दिल ही तो है जिसकी आवाज़ विवेक कहाती कोई सहारा हो या ना हो दिल की आवाज़ ही राह दिखाती जिसने दिल की बात ना मानी ... अशांत ह्रदय से मंद हो जानी शांत ह्रदय से स्पष्ट है आनी जब जब हो ये मन उद्विग्न तब तब ध्यान की ज्योत जगानी जिसने दिल की बात ना मानी ...