भीड़ में अकेला बच्चा परेशां सा खड़ा हार रहा है साथी बच्चों से अचानक माँ पर नज़र पड़ी चेहरा ख़ुशी से खिल गया जैसे ताकत का खज़ाना मिल गया विश्वास से चेहरा दमकने लगा क्यूंकि वो अपने ऊर्जा स्त्रोत से मिल गया और हारने का डर दिल से निकल गया ठीक वैसे ही तू भी गर ब्रह्माण्ड अपने ऊर्जा स्त्रोत से मिल गया ज़िन्दगी चमत्कारों से भर जायेगी आत्मविश्वास,असीमित संभावनाएं फूलों सा महकता जीवन जो होगा डर विहीन ,दर्दविहीन सम्मानित अपनी और दूसरों की नज़र में
Is it true really? We all born in this Bhramand but our life is not same for all? 👌🙂👏
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yes ! I believe in it !we all are born from brahmand but we are not connected to it in same proportion .chetna ke alag alag star par hain hum sab
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Yes it is .😉🌺🌹💕❣️👍🍫
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