मेरा हर लफ्ज़ दिल से हो और तेरे दिल तलक जाए मेरी आहों का असर हो ऐसा मेरा ज़माना दोस्त हो जाए रब की रहमत हो मेरा वक़्त खुद को 'बेहतर 'बनाने में निकले सर झुके सिर्फ रब तेरे सज़दे में वर्ना जिस्म से जां निकल जाए
मेरा हर लफ्ज़ दिल से हो और तेरे दिल तलक जाए मेरी आहों का असर हो ऐसा मेरा ज़माना दोस्त हो जाए रब की रहमत हो मेरा वक़्त खुद को 'बेहतर 'बनाने में निकले सर झुके सिर्फ रब तेरे सज़दे में वर्ना जिस्म से जां निकल जाए
वाह, बहुत खूब |
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हौंसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद !
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