या खुदा !मेरे दुश्मन जब भी देखें आइना उन्हें अपनी हर खता हर ज़फ़ा याद आये मेरे होठों की मुस्कान हो गहरी और गहरी जब उनकी ज़फ़ा,अपनी वफ़ा याद आये या खुदा ज़िन्दगी का हर मलाल मिट जाए मज़ा जब है ! वो मेरी दोस्ती अपनेपन की कदर समझे, चाहे मांगे साथ मेरा मगर मेरा हाथ साथ उन्हें कभी हासिल ना हो पाए चाहे जैसे भी हो !कुछ भी कर मेरे मालिक ! अंतर्मन की ख़ुशी मरते दम तो मिल जाए !