सुनो कुछ नहीं चाहिए मुझे तुमसे बस अपनी अपेक्षाओं में मत लादो तुम जीवन जो रह गया बाकी सहजता और सरलता से जीने दो तुम तुम्हारी उम्मीदों पे खरे उतरें बहुत लोग हैं ऐसे अपनी उम्मीदों के स्तर पे हमे मत लाओ तुम जीवन भर ढेर सी इच्छाएं अपनी और ढेर से सपने और उम्मीदें अपनों की कुछ पूरी हुई और कुछ नहीं भी परेशान ही रहे हम तुम तुम भी भरपूर जियो और जियें हम भी थोड़ा खुलके व्यर्थ है हर पाना खोना अगर बैठे हों दोनों गुमसुम
Month: September 2021
बुढ़ापा
जर्ज़र शरीर ,बेनूर आँखें, ज़बरदस्ती ओढी हुई मुस्कान ज़िन्दगी तुझे जिया तो मगर ! ठहर गयी रग रग में थकान ! ये जीवन चक्र बचपन जवानी बुढ़ापा फिर बचपन ! कितना मुश्किल है ! बारहा जीवन की ये तड़पन !
नाराज़
तेरी हर ख्वाहिश हर आवाज़ को नज़र अंदाज़ किया ए दिल माफ कर दे मुझे ! तुझे बहुत नाराज़ किया
एक हद तक
प्यार नफरत मुनासिब है एक हद तक उसके बाद खुद के लिए ही ज़हर बदनीयती बेईमानी बदज़ुबानी ज़रूर लाती हैं जीवन में कहर प्यार की शुरुआत कर खुद से ही तभी आएगी खुशनुमा सहर तू खुद को बना इतना मज़बूत जैसे ज़मीन में गहरा शज़र तीरगी को मिटा ज़िन्दगी से ऐसे दुश्मन भी मज़बूर हो तारीफ़ पर
आइना
आजकल आइना भी हमे वक़्त बता रहा है जो हमसा हुआ करता था कभी चेहरा ! बीते हुए वक़्त के दाग दिखा रहा है कभी हम आईने को कभी वो हमे धता बता रहा है ...
तन्हा
दिल से जुड़े भी रहे वो और फासले भी उम्र बीतती रही झूझते रहे हर लम्हा भीड़ बहुत थी आसपास और हम अकेले कटा ज़िन्दगी का सफर तन्हा तन्हा
बेटी
तू मेरी लाड़ली मेरा प्यार तू है दुलार तू रब की नेमत तू मेरा सहारा तू मेरी इज़्ज़त तू मेरी हिम्मत तू सिर्फ एक दिन नहीं पूरी ज़िन्दगी तू तेरे लिए मेरा सब कुछ मेरे लिए है सब कुछ तू मेरी आन बान शान तू मेरी हर दुआ लगे तुझे करे जग में ऊंचा नाम तू ! प्यार से जीवन भरा रहे ममता की है मिसाल तू कभी बुरी नज़र ना लगे तुझे बने बेटियों में मिसाल तू! तू मेरी लाड़ली मेरा प्यार तू
माँ
तुझे ढूँढू कहाँ मैं माँ जहाँ वो कौन सा है माँ कहाँ से गोद वो लाऊँ जिसमे सर मैं छुपाऊं कहाँ वो हाथ मैं ढूँढू जो मेरे सर को सहलाएं कहाँ आवाज़ वो सुन लूँ जो सिर्फ ममता बरसाए तेरी मौजूदगी ही जब सहारा मेरा होता हो तुझे खो कर मेरा ये दिल जब रोज़ रोता हो तुझे खोकर अकेलापन मुझे अब रोज़ खाता है तुझे श्राद्ध में अश्रु सुमन कैसे चढ़ाऊँ माँ ! love you maa !!
गुनहगार
आप किसी से प्यार नहीं कर सकते तो शादी भी मत करिये माँ बाप की ख़ुशी के लिए किसी की ज़िन्दगी बर्बाद मत करिये वो भी किसी की लाड़ली ,नाज़ो से पली , है आँखों का नूर ! हमसफ़र बना सको तो ही कदम आगे रखिये रोटियों की कमी तो माँ बाप के घर किसी को भी नहीं होती सिर्फ रोटियों पे बिन पगार नौकरानी मत रखिये वो जो अपनों को छोड़ आती है आपके घर उसके अपने बीच कोई अदृश्य दीवार मत रखिये मासूम दिल जो टूटा तो जीवन कोई रूठा तो रब के ,उसके और उसके परिवार के गुनहगार मत बनिए !
मिल या मत मिल
रूह में ज़ज़्ब हो जाने का ज़ज़्बा हो तो मिल मेरी राह में फना हो जाने का दिल हो तो मिल मेरे हर डर को हरा सकता हो तो मिल मेरा हर ज़ख्म मिटा सकता हो तो मिल झूठे दिलासे देने हो तो मत मिल वक़्त पे कदम पीछे हटाने हो तो मत मिल मेरे दर्द पे पीठ पीछे हंसना हो तो मत मिल और नया ज़ख्म देना हो तो बिलकुल मत मिल मिल या मत मिल,मेरे लिए दुआ कर बिस्मिल !