वो हमारे प्यार को अधिकार समझे बैठे हैं ! हमारी परवाह को क्यों फ़र्ज़ समझे बैठे हैं ! वफ़ा की आदत लगे उन्हें,अपनी योग्यता का भ्रम ! क्यों वो सर पे तालिबानी सरकार बने बैठे हैं ?
वो हमारे प्यार को अधिकार समझे बैठे हैं ! हमारी परवाह को क्यों फ़र्ज़ समझे बैठे हैं ! वफ़ा की आदत लगे उन्हें,अपनी योग्यता का भ्रम ! क्यों वो सर पे तालिबानी सरकार बने बैठे हैं ?
वाह वाह , बहुत खूब |
LikeLike
thanks a lot ! : )
LikeLike