हर नया दिन एक नयी किताब कुछ लिखता है तू खुद,कुछ रब के हाथ तू जो भी लिखे अच्छा लिख !वरना छोड़ खाली ! जाने अनजाने बुरा लिखा,तो रब ले लेगा हिसाब
हर नया दिन एक नयी किताब कुछ लिखता है तू खुद,कुछ रब के हाथ तू जो भी लिखे अच्छा लिख !वरना छोड़ खाली ! जाने अनजाने बुरा लिखा,तो रब ले लेगा हिसाब