छोड़ ना यार इस ज़माने की फ़िक्र जब तेरी हर बात में माशूक का जिक्र ! इस ज़माने से देखी गयी कब ख़ुशी तेरी कर अपनी ख़ुशी की फ़िक्र ,बन अपना मित्र !
छोड़ ना यार इस ज़माने की फ़िक्र जब तेरी हर बात में माशूक का जिक्र ! इस ज़माने से देखी गयी कब ख़ुशी तेरी कर अपनी ख़ुशी की फ़िक्र ,बन अपना मित्र !