अपनी यादों के साये में हैं हम सभी ! हैं दिल के किसी कोने में अभी भी वो पल सारे ज़िंदा जो हमने जिए कभी बिछड़ गए जो अपने या बीता हुआ वक़्त जी लेते हैं उन संग अपनी यादों में सभी अपनी यादों के साये में हैं हम सभी ! हमेशा एक सा नहीं रहता कुछ भी छिनने का मलाल रहता है फिर भी वो बिछड़ा बचपन,वो जवानी की यादें वो सुख दुःख का झूलना,वो बातें सभी की अपनी यादों के साये में हैं हम सभी ! मीठी सी यादें कभी गुदगुदाएं वो कड़वी बातें जो दिल को दुखाएं वो सीखें जो माँ बाप ने दी थीं कभी अक्सर याद आकर सही राह दिखाएँ अपनी यादों के साये में हैं हम सभी ! यूँ याद आना भला ना बुरा है ये तो हमारे अस्तित्व से जुड़ा है जो आज हम हैं जो भी जैसे भी ये खट्टी मीठी यादों का ही सिला है अपनी यादों के साये में हैं हम सभी !
वाह, बहुत भावुक /
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thanks a lot ! : )
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So true, we are nothing but an aggregate of our experiences and memories! 🙌
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yes!!thank you so much !
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thanks a lot !: )
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I like your phrase, “in the shadow of our memories” Very wise!
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thank you soo much dear !
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