सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥ "सभी धर्मों को यानि सभी कर्तव्यकर्मों को त्यागकर तू केवल मेरी शरण में आ मैं यानि सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा शोक ना कर"
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥ "सभी धर्मों को यानि सभी कर्तव्यकर्मों को त्यागकर तू केवल मेरी शरण में आ मैं यानि सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा शोक ना कर"