कोई प्यार मत ढूंढो वहाँ जहाँ आज तक मिला नहीं ए दिल चल !कहीं और चल! वो मंज़िल नहीं जहाँ सुकूँ नहीं कोई प्यार मत ढूंढो वहाँ जहाँ आज तक मिला नहीं किसी बात का है गिला नहीं कुछ मिला !कुछ मिला नहीं! शायद यही तेरे भले में था नहीं आखिरी वो फूल! जो खिला नहीं! कोई प्यार मत ढूंढो वहाँ जहाँ आज तक मिला नहीं सब जानते हैं करना प्यार करें वहाँ जहाँ इनका मन करे तू भूल मत तुझे चाहिए क्या उनकी ज़फ़ा तेरी वफ़ा का सिला नहीं कोई प्यार मत ढूंढो वहाँ जहाँ आज तक मिला नहीं यूँ दर्द में ना डूब तू अपनी भी कीमत कुछ समझ करले खुद से दोस्ती हमेशा रहती है रात नहीं ! कोई प्यार मत ढूंढो वहाँ जहाँ आज तक मिला नहीं
नींद अच्छी है,,,, उसने कहा,
किताबे बेहतर हैं,,,, मैंने बात खत्म की..!!
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बहुत खूब !वाह ! स्वागत है आपका !
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बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी है सिस्टर
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आभार ! धन्यवाद दिल की गहराइयों से !
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