दिल से जुड़े भी रहे वो और फासले भी उम्र बीतती रही झूझते रहे हर लम्हा भीड़ बहुत थी आसपास और हम अकेले कटा ज़िन्दगी का सफर तन्हा तन्हा
दिल से जुड़े भी रहे वो और फासले भी उम्र बीतती रही झूझते रहे हर लम्हा भीड़ बहुत थी आसपास और हम अकेले कटा ज़िन्दगी का सफर तन्हा तन्हा