प्यार नफरत मुनासिब है एक हद तक उसके बाद खुद के लिए ही ज़हर बदनीयती बेईमानी बदज़ुबानी ज़रूर लाती हैं जीवन में कहर प्यार की शुरुआत कर खुद से ही तभी आएगी खुशनुमा सहर तू खुद को बना इतना मज़बूत जैसे ज़मीन में गहरा शज़र तीरगी को मिटा ज़िन्दगी से ऐसे दुश्मन भी मज़बूर हो तारीफ़ पर
Yes absolutely we need to make us so strong then only we can get perfect happiness. Well written 😊👌 beautiful lines 🙂☺️💓
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thanks a lot priti ! : )
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