सुनो कुछ नहीं चाहिए मुझे तुमसे बस अपनी अपेक्षाओं में मत लादो तुम जीवन जो रह गया बाकी सहजता और सरलता से जीने दो तुम तुम्हारी उम्मीदों पे खरे उतरें बहुत लोग हैं ऐसे अपनी उम्मीदों के स्तर पे हमे मत लाओ तुम जीवन भर ढेर सी इच्छाएं अपनी और ढेर से सपने और उम्मीदें अपनों की कुछ पूरी हुई और कुछ नहीं भी परेशान ही रहे हम तुम तुम भी भरपूर जियो और जियें हम भी थोड़ा खुलके व्यर्थ है हर पाना खोना अगर बैठे हों दोनों गुमसुम
Lovely
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thank you so much !
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