ह्रदय सुमन को खिला दे जो आवाज़ से ही रिझा ले जो मेरे दिल में रहे हमेशा महकती हरदम रहे जो चहकती हो सुन्दर मन सुंदर चितवन चले तो कमर हो लहकती ज़िन्दगी में आये जो किस्मत मेरी जगाये जो आँख खोलूँ सुबह को जब मुस्कुराती मुझे ही निहारती कहाँ है तू मेरी हमसफ़र ? तुझे रूह मेरी पुकारती !
👌👌
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thank you so much vartika ! : )
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वाह, सुन्दर प्रस्तुति |
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जी ! हार्दिक धन्यवाद !आभार ! : )
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