होठों से ही नहीं आँखों से मुस्कुराइए दिमाग से नहीं, कभी दिल की भी बतलाइये मैंने तो साँसें भी की तुम्हारे नाम ! तुम्हारा दिन कहाँ गुजरा,कुछ तो बताइये
होठों से ही नहीं आँखों से मुस्कुराइए दिमाग से नहीं, कभी दिल की भी बतलाइये मैंने तो साँसें भी की तुम्हारे नाम ! तुम्हारा दिन कहाँ गुजरा,कुछ तो बताइये
👌👌😊
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glad to know you liked it !thanks !
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वाह, बहुत खूब |
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thank you so much ! : )
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