ना कर बदसुलूकी किसी से ना इस दिल में इंतकाम रख पर कर ना पाए कोई इसका इंतज़ाम रख प्यार में कोई तुम्हारी जान भी ले ले पर बेवफाई हो तो भी इत्मीनान रख बीते हुए लम्हों में यार जिया नहीं जाता आने वाले लम्हों को सजाने का काम रख पतझड़ को बहारों में बदलने का हुनर हो तो आ मेरे सामने खुशियों का जाम रख हर शख्स है ख़ास ये बात गौर ए तलब हर गम हर ख़ुशी ले मेरा सलाम रख !