चेहरे को छूती ये ठंडी हवा छायी मस्त ये काली घटा दिल पूछता है मुझसे ये मुझे कहाँ ले आयी ? तू ये बता! अंधे कुँए से बाहर कौन तुझे ले के आया ये बता गुनगुनायी दिल ने फिर कोई सरगम नयी ! मुस्कुराने लगी है आँखें राज़ क्या है ये बता हवाओं की सरगोशियां लहलहाना पेड़ों का रिमझिम बूंदें चेहरे पर लायी 'नवजीवन' का पता
बहुत सुन्दर |
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thanks mr. verma for appreciation !
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बहुत खूब
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thank you so much !
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