धीरे धीरे दिल से मेरे दूर हो गए तुम साथ रहने को भी फिर मज़बूर हो गए तुम बेबसी देख कर भी तेरी, ना खुश हुए हम मेरे होठों की मुस्कराहट के तलबगार हुए तुम ! रब से उठा के हाथ, मांगी है ये दुआ ! प्यार रहे ना रहे ये दोस्ती रहे हमदम !
धीरे धीरे दिल से मेरे दूर हो गए तुम साथ रहने को भी फिर मज़बूर हो गए तुम बेबसी देख कर भी तेरी, ना खुश हुए हम मेरे होठों की मुस्कराहट के तलबगार हुए तुम ! रब से उठा के हाथ, मांगी है ये दुआ ! प्यार रहे ना रहे ये दोस्ती रहे हमदम !
बहुत सुन्दर |
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