हमने कब चाहा कब कहा तुमसे की हमे मज़बूत बनना है आप दिन ब दिन सालों साल हमे गम देते चले गए हाँ आपके करम से मज़बूत तो हुए हम,झेल गए गम ! पर दिन ब दिन सालों साल तुमसे दूर भी होते चले गए
हमने कब चाहा कब कहा तुमसे की हमे मज़बूत बनना है आप दिन ब दिन सालों साल हमे गम देते चले गए हाँ आपके करम से मज़बूत तो हुए हम,झेल गए गम ! पर दिन ब दिन सालों साल तुमसे दूर भी होते चले गए